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एक ही मैच में इतने रुपये कमा लेती हैं चीयरलीडर्स? जानकर आपको भी लगेगा झटका

एक ही मैच में इतने रुपये कमा लेती हैं चीयरलीडर्स? जानकर आपको भी लगेगा झटका


आईपीएल 2025 को लेकर आंशिक शुरुआत हो चुकी है। जहां डेज डेज मेगा ऑक्शन में 180 से ज्यादा खिलाड़ियों पर करोड़ों की बोली लगी तो वहीं, कई खिलाड़ी अनसोल्ड रहे। आईपीएल को दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग में जाना जाता है। इस लीग चमक धमक का स्तर कुछ अलग होता है। लीग में जहां प्लेयर्स पर तो पैसा बरसता ही है साथ ही साथ चियरलीडर्स भी कमाई के मामले में कहीं भी पीछे नहीं है। आज हम आपको बताते हैं कि आईपीएल में चियरलीडर्स की कितनी दरें हैं।

मीडिया एडिटोरियल की रेस में प्रति मैच चीयरलीडर्स 15 से 25 हजार रुपये के बीच मिलते हैं। आईपीएल में चियरलीडर्स को सबसे ज्यादा कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से दिया जाता है। इस टीम चियरलीडर्स का प्रति मैच 25 हजार रुपए का अकाउंट है। मुंबई और आरसीबी भी करीब 20 हजार रुपये प्रति मैच चियरलीडर्स के पास हैं। मत के अनुसार इतना ही नहीं मैच में जिस टीम की जीत होती है उस टीम के चियरलीडर्स को भी बढ़ावा मिलता है।

चियरलीडर्स का क्रेज

भारतीय प्रीमियर लीग (आईपीएल) में चियरलीडर्स का एक अलग ही महत्व है। 2008 में आईपीएल की शुरुआत में विदेशी चियरलीडर्स भी शामिल हुईं। इसका पहला मुख्य उद्देश्य प्रेमियों और खिलाड़ियों के किराये को हासिल करना था। हालांकि, समय के साथ चियरलीडर्स सिर्फ एक परंपरा नहीं बल्कि आईपीएल का एक अहम हिस्सा बन गए।

मैच के दौरान चियरलीडर्स के डांस मूव्स और उनके शौकीन दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करते हैं। खासतौर पर विदेशी चियरलीडर्स का आकर्षक अंदाज़, प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय रहता है। टूर्नामेंट की हर टीम में अपने चियरलीडर्स के पास बड़ी ताकतें हैं। आईपीएल की भव्यता और ग्लैमर में चियरलीडर्स का योगदान नहीं हो सकता। यह न केवल मैचों को रोमांचक फिल्में हैं, बल्कि क्रिकेट से जुड़े उत्साह को भी बढ़ाया गया है। यही वजह है कि चियरलिडिंग का यह प्रोफेशन हर साल नई ऊंचाई पर चढ़ रहा है।

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कहां से हुई थी शुरुआत?

चियरलिडिंग का इतिहास बेहद दिलचस्प है। यह प्रोफेशन सबसे पहले अमेरिका में शुरू हुआ था। शुरुआत में अमेरिकी फुटबॉल मैचों के दौरान रैंकिंग का उत्साह बढ़ाने के लिए चियरलीडर्स का इस्तेमाल किया गया था। यह है कि आज जहां चीयरलीडिंग महिलाओं से जुड़ी होती है, वहीं पहले इस पेशे में केवल पुरुष चीयरलीडर्स ही हुआ करते थे। इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, पहली बार 1898 में चियरलीडर्स के दौरान एक फुटबॉल मैच देखा गया था। तब पुरुष चियरलीडर्स मैच को चियर करते थे। यह परंपरा 1923 तक जारी रही।

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